Poison in Dehradun Air- गर्मी की छुट्टियों और वीकेंड पर पर्यटकों की भीड़ से जूझ रही उत्तराखंड की राजधानी देहरादून अब वायु प्रदूषण के गंभीर खतरे की ओर बढ़ रही है, मसूरी रोड, एफआरआई, राजपुर और सहस्त्रधारा जैसे लोकप्रिय पर्यटन मार्गों पर वाहनों की लंबी कतारें अब आम हो चुकी हैं, जिनसे निकलता धुआं दून घाटी की हवा को लगातार जहरीला बना रहा है।
हाल ही में परिवहन विभाग ने 676 ऐसे वाहनों की पहचान की है जो तय मानकों से कहीं अधिक प्रदूषण फैला रहे थे। इन पर कार्रवाई करते हुए विभाग ने करीब दो करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला है। अधिकारियों का कहना है कि आने वाले समय में और सख्त कदम उठाए जाएंगे यदि स्थिति पर काबू नहीं पाया गया।
Poison in Dehradun Air- प्रदूषण बढ़ा तो खतरा भी बढ़ा
पर्यावरण विशेषज्ञों के मुताबिक, छुट्टियों में हजारों की संख्या में आने वाले वाहनों से निकलने वाला धुआं अब दून घाटी के लिए गंभीर खतरा बन गया है। कार्बन मोनोऑक्साइड (CO), पार्टिकुलेट मैटर (PM-10), नाइट्रोजन ऑक्साइड, बिना जले हाइड्रोकार्बन और सीसा जैसे घातक तत्व वायुमंडल में बढ़ते जा रहे हैं।
इन रसायनों की अधिकता से सांस संबंधी बीमारियां, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, हृदय रोग और फेफड़ों की सूजन जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ सकती हैं। सबसे अधिक खतरा बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों को है।
Poison in Dehradun Air- देहरादून की पहचान पर खतरा
एक समय पर स्वच्छ और शांत वातावरण के लिए पहचाना जाने वाला देहरादून अब वायु प्रदूषण की गंभीर गिरफ्त में आता जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि समय रहते इस पर नियंत्रण नहीं पाया गया, तो यह स्थिति सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल का रूप ले सकती है।
Poison in Dehradun Air- सरकार की अपील और चेतावनी
परिवहन विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे अपने वाहनों की समय-समय पर जांच कराएं और वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र (PUC) अवश्य प्राप्त करें। विभाग का कहना है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए जनसहयोग अत्यंत आवश्यक है।
देहरादून जैसे पर्यटन और शैक्षणिक केंद्र को यदि फिर से सांस लेने योग्य बनाना है, तो पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय निवासियों को भी सतर्कता दिखानी होगी।
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