Kuteti Devi Mandir- कुटेटी देवी मंदिर उत्तरकाशी में स्थित एक प्राचीन मंदिर है, जो कि उत्तरकाशी से लगभग 2 किलोमीटर दूर गंगा नदी के दूसरे तट में हरी पर्वत पर स्थित है, इस मंदिर की बड़ी ही दिलचस्प कहानी है।
कहा जाता है कि एक बार कोटा ( राजस्थान ) के महाराजा गंगोत्री की तीर्थ यात्रा पर आये , यात्रा के दौरान उनका पैसे से भरा बैग खो गया , और अपनी यात्रा की जरूरत की खर्चों को पूरा नहीं कर सके ,तब वो उत्तरकाशी लौट आए और विश्वनाथ ” मंदिर ” में प्रार्थना की तथा वादा किया कि अगर उनका पैसों से भरा बैग मिल जायेगा तो वह अपनी इकलौती बेटी की शादी उसी गांव के किसी उपयुक्त लड़के से कर देंगे , और बाबा विश्वनाथ की कृपा से राजा के पूरे पैसों सहित बैग मंदिर के एक पुजारी के द्वारा पाया गया।
Kuteti Devi Mandir- इससे राजा बहुत खुश हुआ और राजा ने अपनी बेटी के लिए एक उपयुक्त वर खोजने के लिए पुजारी से कहा तथा जल्द ही राजकुमारी ने पुजारी द्वारा चुने लड़के से शादी कर ली, शादी के बाद राजकुमारी दुखी रहने लगी कि उनके कुल देवी कुटेटी देवी से दूर होना पड़ेगा, जिनकी वह हमेशा से पूजा किया करती थी , इसलिए राजकुमारी और उनके पति दोनों ने मिलकर कुटेटी देवी से उनकी सहायता करने की प्रार्थना की।
इसके बाद देवी उनके सपनों में प्रकट हुई और उनसे कहा कि वह उन्हें अपने खेत में एक पत्थर के रूप में पा सकते हैं, अपने सपनों के बाद , अगली सुबह जब राजकुमारी और उनका पति देवी के बताये हुए स्थान पे गए तो उन्हें खेत में आनन्दमयी सुगंध वाले तीन पत्थर पाये और उसी स्थान पर कुटेटी देवी मंदिर बनाया गया है, जहां पर वो तीन पत्थर पाये गए थे , इस प्रकार कुटेटी देवी मंदिर की स्थापना की गयी।
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