No Reel in Chardham- चारधाम यात्रा आस्था और विश्वास का प्रतीक है तभी तो इसे सामान्य पर्यटन की जगह तीर्थाटन का नाम दिया गया है यहां आने वाले लोग भी पर्यटक नहीं, बल्कि श्रद्धालु कहलाते हैं बावजूद इसके चारधाम यात्रा पर आने वाले तमाम लोग बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा को पिकनिक की भांति समझ रहे हैं।
इन पवित्र धामों में आकर फूहड़ नृत्य कर रहे हैं, रील बनाई जा रही है और आस्था को मनोरंजन का जरिया बनाने का प्रयास किया जा रहा है, इससे लाखों-करोड़ों लोगों की भावना भी आहत हो रही है।
लिहाजा, सरकार ने इस प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए चारों धाम के 200 मीटर के दायरे में मोबाइल के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है, भलाई इसी में है कि आप आस्था भाव के साथ यात्रा करें नहीं तो कहीं रील बनाने के फेर में पुलिस आपकी ‘रेल’ न बना दे।
No Reel in Chardham- बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के 200 मीटर के दायरे में मोबाइल के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने की जानकारी मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने दी। राज्य सरकार के सूचना एवं लोक संपर्क विभाग (डीआईपीआर ) ने एक्स के माध्यम से मुख्य सचिव के इन निर्देशों को साझा किया।
बीते दिनों केदारनाथ धाम में कुछ युवकों के रील बनाने का मामला सामने आया था, जिस पर केदारसभा के सदस्यों के कड़ी नाराजगी जाहिर की थी, पूर्व में भी इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं।
लिहाजा, मुख्य सचिव ने चारों धाम के 200 मीटर के दायरे में मोबाइल के प्रयोग पर सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश स्थानीय पुलिस और प्रशासन को जारी किए हैं जो भी नियमों की अनदेखी कर रहे हैं, उन पर एफआईआर दर्ज की जाए।
No Reel in Chardham- दूसरी तरफ मुख्य सचिव ने सभी तीर्थ यात्रियों से अपील की है कि वह पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर पंजीकरण कराए बिना चारधाम यात्रा पर न निकलें। क्योंकि, इससे भीड़ अधिक होने पर व्यवस्था बिगड़ रही है।
उन्होंने सभी जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि चेकपोस्टों पर सघनता के साथ तीर्थ यात्रियों के पंजीकरण की स्थिति देखी जाए। बिना पंजीकरण किसी भी यात्री को आगे न बढ़ने दिया जाए।
मुख्य सचिव ने उत्तराखंड में चारधाम की यात्रा पर आने वाले यात्रियों से अपील की है कि वह व्यवस्था बनाने में प्रदेश सरकार का सहयोग करें क्योंकि, बीते वर्ष के मुताबिक लगभग दोगुने यात्री पहुंच रहे हैं।
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