Uttarakhand Forest Fire- उत्तराखंड में इस साल जंगल की आग पर अब तक प्रभावी नियंत्रण देखने को मिला है। यदि मौजूदा स्थिति बनी रही, तो यह बीते एक दशक में कोविड काल (2020) के बाद का सबसे शांत वनाग्नि सीजन साबित हो सकता है। इस वर्ष फायर सीजन की शुरुआत से अब तक राज्य में 204 वनाग्नि की घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें लगभग 226 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है।
वहीं, बीते वर्ष की बात करें तो 1276 घटनाओं में 1773 हेक्टेयर क्षेत्रफल में जंगल को नुकसान पहुंचा था। कई मामलों में आग जानलेवा भी साबित हुई थी, जिसके चलते कुछ वन अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर विभाग से अटैच किया गया था।
Uttarakhand Forest Fire- कोविड काल के बाद की सबसे शांत स्थिति
आंकड़ों के मुताबिक, 2020 में कोविड लॉकडाउन के दौरान जंगल की आग की घटनाओं में ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गई थी। उस वर्ष सिर्फ 135 घटनाएं हुई थीं, जिनमें लगभग 173 हेक्टेयर क्षेत्र ही प्रभावित हुआ था। मौजूदा आंकड़ों को देखते हुए ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि यदि आने वाले हफ्तों में स्थिति स्थिर रही, तो यह कोविड काल के बाद का सबसे कम वनाग्नि वाला साल हो सकता है।
Uttarakhand Forest Fire- बारिश और बेहतर तैयारी से मिला लाभ
विशेषज्ञों के अनुसार, जंगल की आग की घटनाओं में कमी का प्रमुख कारण इस बार अपेक्षाकृत अच्छी वर्षा भी रही है। इसके अलावा, वन विभाग ने बीते वर्षों के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए पहले से ही कई एहतियाती उपाय किए। इनमें फायर लाइन की साफ-सफाई, गांवों के आसपास जागरूकता अभियान और रैपिड रेस्पॉन्स टीमों की तैनाती शामिल है। इन प्रयासों का सकारात्मक असर जमीन पर भी देखने को मिल रहा है।
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि फायर सीजन अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है, लेकिन अब तक की स्थिति संतोषजनक है और प्रयास जारी हैं कि जंगलों की रक्षा की जाए।
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