Teachers Transfers- प्रदेश में शिक्षक और कर्मचारियों के वार्षिक तबादलों की प्रक्रिया को लेकर फिर सवाल उठने लगे हैं। तबादला कानून (Transfer Act) के तहत 10 जून को तबादलों की अंतिम तिथि तय की गई है, लेकिन कई विभाग अब भी तैयारियों के नाम पर अधूरे हैं। इससे न केवल पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं, बल्कि संबंधित कर्मचारियों में रोष भी बढ़ता जा रहा है।
तबादलों की पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार ने तबादला कानून लागू किया था, जिसके तहत हर वर्ष मार्च से प्रक्रिया प्रारंभ होनी चाहिए। इसमें कार्यस्थलों का मानकों के अनुसार निर्धारण, पात्र कर्मचारियों की सूची जारी करना और विभागीय वेबसाइट पर रिक्त पदों की जानकारी सार्वजनिक करना अनिवार्य है।
इसके अलावा, अनिवार्य तबादले के दायरे में आने वाले कर्मचारियों से 10 वांछित कार्यस्थलों के विकल्प 20 अप्रैल तक मांगे जाने चाहिए थे लेकिन, शिक्षक संगठनों का आरोप है कि अधिकांश विभाग इस प्रक्रिया को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं, जिससे तबादलों को लेकर कानूनी और प्रशासनिक उलझनें पैदा हो रही हैं।
Teachers Transfers- राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने तबादला प्रक्रिया में हो रही देरी और अनदेखी को लेकर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा, “तबादले शिक्षकों का अधिकार हैं और इन्हें तय समय पर हर हाल में किया जाना चाहिए। तबादले और पदोन्नति की मांग को लेकर 16 जून को प्रदेशभर के शिक्षक देहरादून स्थित शिक्षा निदेशालय में धरना देंगे।”
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