बेटी के लिए दूल्हा ढूंढ़ने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने पिता को दी जमानत

Supreme Court Grants Bail- सुप्रीम कोर्ट ने जेल में बंद एक कैदी को दामाद ढूंढने के लिए अंतरिम जमानत दी है. दरअसल, इस कैदी ने अपनी 20 साल की बेटी की शादी के लिए दूल्हा ढूंढने के नाम पर जमानत मांगी थी. जानकारी के मुताबिक, जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच ने शख्स को इस काम के लिए 45 दिनों की जमानत का समय दिया है.

बता दें कि इस शख्स को दिल्ली हाई कोर्ट ने हत्या, दंगा, चोट पहुंचाने, शरारत करने, अतिक्रमण करने जैसे अपराधों के लिए दोषी ठहराया था. हाईकोर्ट की ओर से सुनाई गई सजा के निलंबन और नियमित जमानत दिए जाने की उसकी याचिका सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है.

Supreme Court Grants Bail- इस शख्स को कोर्ट ने अंतरिम जमानत इस आधार पर दी है कि उसकी अपील लंबे समय से पेंडिंग थी. इस तथ्य को भी ध्यान में रखा गया कि इस मामले के अन्य आरोपियों को भी जमानत दी गई है. सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि बेल की अपील कर रहे शख्स की बेटी की शादी करानी है. इसके लिए दूल्हा खोजना है.

Supreme Court Grants Bail-

Supreme Court Grants Bail- दो दूल्हों में से एक दूल्हे को चुनना है

Supreme Court Grants Bail- कैदी के वकील ने कोर्ट को बताया कि इस शख्स की पत्नी ने दो संभावित दूल्हे देखे हैं, जिनमें से एक के साथ उनकी बेटी का रिश्ता तय करना है. कोर्ट से कहा गया कि जमानत मांग रहे कैदी को पहले भी कई मौकों पर अंतरिम जमानत दी गई थी और उसने कभी भी उसका दुरुपयोग नहीं किया. इसके बाद कोर्ट ने शख्स को 45 दिनों की अंतरिम जमानत दे दी. ये जमानत ट्रायल कोर्ट द्वारा लगाई जा सकने वाली शर्तों के अधीन होगी.

Supreme Court Grants Bail- जमानत क्या है?

जमानत का अर्थ है कि कोई व्यक्ति कोर्ट द्वारा इस आशय के साथ रिहा किया जाता है कि जब अदालत उसे उपस्थिति के लिए बुलाएगी तो उसे वहां पेश होना होगा. संक्षेप में यह कहा जा सकता है कि जमानत किसी अभियुक्त की सशर्त रिहाई है जिसमें आवश्यकता पड़ने पर अदालत में पेश होने का वादा किया जाता है.

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