Panchayat Chunav 2025- उत्तराखंड में चल रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के बीच नैनीताल हाईकोर्ट के एक अहम आदेश ने चुनावी समीकरणों को अचानक बदलकर रख दिया है, कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में स्पष्ट किया है कि जो मतदाता नगर निकायों की मतदाता सूची में दर्ज हैं, वे अब ग्राम पंचायत चुनाव में भाग नहीं ले सकते, इसका सीधा असर उन प्रत्याशियों पर पड़ा है जो अब तक शहरी मतदाताओं को अपने पक्ष में लामबंद करने की रणनीति बना चुके थे।
अब तक अक्सर यह देखा जाता था कि शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोग,जो कभी ग्रामीण मतदाता थे या जिनका किसी गांव से रिश्ता रहा हो, पंचायत चुनाव के दौरान मतदान करने गांव पहुंच जाते थे, प्रत्याशी भी इन मतदाताओं को अपने समर्थन में लाने के लिए सक्रिय रहते थे लेकिन अब पंचायती राज अधिनियम की धारा 9 (6) व (7) के अनुसार दोहरी मतदाता सूची वाले लोग ग्राम पंचायत की चुनावी प्रक्रिया में अयोग्य माने जाएंगे।
Panchayat Chunav 2025- हाईकोर्ट के आदेश के बाद निर्वाचन आयोग ने 6 जुलाई को जारी किए गए अपने सर्कुलर को स्थगित कर दिया है, जिसमें ऐसे मतदाताओं को मतदान और चुनाव लड़ने की अनुमति दी गई थी, इससे उन प्रत्याशियों को गहरा झटका लगा है जो अपनी जीत की रणनीति ऐसे मतदाताओं के भरोसे बना रहे थे।
अब प्रत्याशियों के लिए अपने पारंपरिक वोट बैंक को सक्रिय करना मुश्किल हो गया है, वे लगातार संपर्क कर रहे हैं, लेकिन कानूनी पाबंदियों के चलते अब पूर्व की रणनीति काम नहीं आ पा रही है, गांवों में मतदाता समीकरण तेजी से बदल रहे हैं और इसका असर चुनावी परिणामों पर भी पड़ सकता है।
Panchayat Chunav 2025- चुनाव विशेषज्ञों का मानना है कि यह आदेश पारदर्शिता बढ़ाने के लिए एक सकारात्मक कदम है लेकिन वर्तमान में यह कई प्रत्याशियों के लिए नई चुनौती बन गया है, आने वाले चरणों में यह स्थिति और अधिक पेचीदा हो सकती है।
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