Mussoorie Ropeway- पर्यटन नगरी मसूरी का गनहिल रोपवे अब यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से खतरे की घंटी बनता जा रहा है। उत्तराखंड सरकार के अधीन निर्माण एजेंसी ब्रिडकुल (BRIDCUL) द्वारा कराए गए तकनीकी मूल्यांकन में यह रोपवे असुरक्षित करार दिया गया है।
मसूरी के ऐतिहासिक मालरोड से गनहिल तक जाने वाला यह रोपवे वर्ष 1971 में बनाया गया था। करीब 400 मीटर लंबी इस केबल कार यात्रा का संचालन मसूरी नगर पालिका द्वारा टेंडर प्रणाली के तहत किया जाता है। यह रोपवे पर्यटकों के लिए खासा आकर्षण का केंद्र है, जो गनहिल की ऊँचाइयों तक रोमांचकारी सफर की सुविधा देता है।
ब्रिडकुल की ओर से हाल ही में तैयार की गई तकनीकी रिपोर्ट में इस रोपवे को यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से कमजोर बताया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, इतनी लंबाई में कोई भी मध्यवर्ती टावर न होना एक बड़ा तकनीकी जोखिम है, जो पूरे सिस्टम की स्थिरता को प्रभावित करता है।
ब्रिडकुल के प्रबंध निदेशक एनपी सिंह ने रिपोर्ट की पुष्टि करते हुए बताया कि रोपवे की वर्तमान संरचना यात्रियों की संख्या और तकनीकी मानकों के लिहाज से संतोषजनक नहीं है।
Mussoorie Ropeway- पहले भी जताई गई थी चिंता
Mussoorie Ropeway- गौरतलब है कि देवघर (झारखंड) में 2022 में हुए रोपवे हादसे के बाद उत्तराखंड सरकार ने भी प्रदेशभर के रोपवे की समीक्षा शुरू की थी। उस दौरान भी मसूरी रोपवे को संभावित खतरे के रूप में चिह्नित किया गया था, लेकिन नगर पालिका ने इसे पूरी तरह सुरक्षित बताते हुए दावा किया था कि तारों की हर तीन माह में अदला-बदली और दैनिक निरीक्षण किया जाता है।
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