Mission Ojas- उत्तराखंड में कुपोषण को मात देगा “मिशन ओजस”

Mission Ojas- कुपोषण एक गंभीर समस्या है, जिसमें शरीर को ऊर्जा, प्रोटीन और दूसरे पोषक तत्वों की कमियां ज़्यादा मिलती है, इससे शरीर के आकार, संरचना, और काम करने में परेशानी आती है ये भोजन की कमी या खराब आहार से होता है, बच्चों को पर्याप्त पोषक तत्व ना मिलने पर ज्यादातर बच्चे कुपोषण के शिकार होते हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार कुपोषण से बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास रुक जाता है, यही वजह है कि विकास के लिए विटामिन और पोषक तत्वों का सही सेवन बहुत जरूरी होता है अगर आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 की रिपोर्ट में देखा जाए तो प्रदेश में अति कुपोषित बच्चों की संख्या बढ़ने का खुलासा हुआ है।

Mission Ojas- वर्ष 2020-21 में प्रदेश में कुपोषित बच्चे 8856 व अति कुपोषित बच्चों की संख्या 1129 थी, इनमें अति कुपोषित बच्चों की संख्या 2024-25 में बढ़कर 2983 पहुंच गई।

वर्तमान समय में कुपोषण के प्रभाव को कम करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं और बच्चों को पोषण युक्त आहार व स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, कुपोषण की निगरानी और उसके नियंत्रण को अधिक प्रभावी बनाने के लिए उत्तराखंड सरकार के द्वारा मिशन ओजस प्रसारित किया गया है।

उत्तराखंड में मिशन ओजस के तहत 3.60 करोड रूपये खर्च किया गया, इसके तहत महिलाओं और बच्चों को पोषण युक्त आहार उपलब्ध कराया जाएगा, जिसमें गर्भवती महिलाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा।

Mission Ojas- प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने बताया कि उत्तराखंड में मिशन ओजस अलग-अलग चरणो में दो वर्षो के लिए शुरू किया जा रहा है, इसके लिए वार्षिक खर्च 3 करोड़ 58 लाख 80 हजार 960 रूपये आकलन किया गया है।

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