Mahashivratri 2024- 300 साल बाद महाशिवरात्रि का बना दुर्लभ संयोग 

Mahashivratri 2024- हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार, हर साल सर्दियों के अंत में, महाशिवरात्रि फाल्गुन महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आती है। भगवान शिव को समर्पित भव्य रात्रि हर साल एक बार आती है, जबकि शिवरात्रि चंद्र-सौर कैलेंडर के हर महीने मनाई जाती है।

महाशिवरात्रि बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है जहां भक्त उपवास रखते हैं और भगवान शिव की पूजा करते हैं, जिन्हें महादेव भी कहा जाता है। भगवान शिव से संबंधित देशभर और नेपाल तथा वेस्ट इंडीज के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग कहानियां प्रचलित हैं।

Mahashivratri 2024- महा शिवरात्रि का जानिए इतिहास

Mahashivratri 2024- पौराणिक कहानियों में से एक के अनुसार, शिवरात्रि उस दिन के रूप में मनाई जाती है जब भगवान शिव ने देवी पार्वती से विवाह किया था। इस दिन कई लोग भगवान शिव और देवी पार्वती के विवाह का अभिनय करते हैं। दूसरे शब्दों में, शिवरात्रि को शिव और शक्ति के अभिसरण की रात माना जाता है, जिसका अर्थ है मर्दाना और स्त्री ऊर्जा का संतुलन।

Mahashivratri 2024

एक अन्य कथा के अनुसार, इस दिन शिव ने समुद्र मंथन के दौरान समुद्र से निकले जहर का सेवन किया था और दुनिया को अंधेरे और निराशा से बचाया था ।

इस साल 8 मार्च के दिन महाशिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जाएगा. इस बार महाशिवरात्रि पर कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं, जिसकी वजह से महाशिवरात्रि और भी विशेष बन गई है. ज्योतिष  विशेषज्ञ के अनुसार, इस साल महाशिवरात्रि पर 300 साल बाद शिव योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है.

इतना ही नहीं महाशिवरात्रि वाले दिन शुक्र प्रदोष व्रत का भी संयोग बना है. शुक्र प्रदोष व्रत की महत्ता यह है कि उसके शुभ प्रभाव से नौकरी, बिजनेस कामयाबी मिलती है और सुख-समृद्धि भरी बढ़ती है. आइए विस्तार से जानते हैं महाशिवरात्रि पर बनने वाले दुर्लभ योग और पूजा मुहूर्त के बारे में.

Mahashivratri 2024- 300 साल बाद महाशिवरात्रि पर बना यह दुर्लभ संयोग

Mahashivratri 2024

Mahashivratri 2024- ज्योतिषाचार्य  के अनुसार, 8 मार्च को महाशिवरात्रि के दिन 300 साल के बाद सभी मनोकामनाओं की सिद्ध करने वाला सर्वार्थ सिद्धि योग और ध्यान एवं मंत्र जाप के लिए उत्तम शिव योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है.

महाशिवरात्रि पर शिव योग पूरे दिन रहेगा. सूर्योदय से लेकर देर रात 12:46 बजे तक शिव योग होगा, वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग महाशिवरात्रि की सुबह 06:38 बजे से सुबह 10:41 बजे तक रहेगा.

वैदिक पंचांग के आधार पर फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को आने वाली महाशिवरात्रि सर्वार्थ सिद्धि योग में पड़ने से सर्वाधिक शुभ संयोग वाली है. उस दिन शिव पूजा के लिए सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ शिव योग और श्रवण नक्षत्र का अद्भुत संयोग बन रहा.

सिद्धि योग में महाशिवरात्रि व्रत का पारण 9 मार्च को होगा. इन शुभ संयोग में महाशिवरात्रि के होने से शिव पूजा का भक्तों को दोगुना फल प्राप्त होगा.

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