Loksabha Chunav 2024- देश की राजनीति हिट होने का रास्ता हरिद्वार से जाता है !

Loksabha Chunav 2024- हरिद्वार की लोकसभा सीट पर ऐसा क्या है कि उम्मीदवार यहां से चुनाव जीते या हारे फिर भी  प्रदेश और देश की राजनीति में  वो हो जाता है हिट..

गंगा के द्वार हरिद्वार की लोकसभा सीट 1977 से जब से अस्तित्व में आई है तब से जो प्रत्याशी यहां से हारे या जीते वह देश की राजनीति के फलक पर गए है चमक..

Loksabha Chunav 2024- हरिद्वार लोकसभा सीट का इतिहास

Loksabha Chunav 2024- 80 के दशक में देश की राजनीति के लिए रामबिलास पासवान कोई बड़ा चेहरा नहीं थे और उनका दायरा बिहार तक ही सीमित था लेकिन जब उन्होंने 1984 में जनता पार्टी के टिकट पर हरिद्वार से चुनाव लड़ा और हर कर तीसरे नंबर पर आए तो उसके बाद देश की राजनीति की – वो  चाबी बनकर उभरे जो हर कहीं हुई फिट और पासवान हुए हिट..

  • रामबिलास 1987 के यूपी चुनाव में लोकसभा इलेक्शन में जनता पार्टी की टिकट से हरिद्वार सीट पर तीसरे नंबर पर रहे थे यहां कांग्रेस के राम सिंह ने बाजी मारी थी और इसी चुनाव में मायावती भी दूसरे नंबर पर रहीं..
  • इसके बाद ही 1989 के संसदीय चुनाव में रामबिलास बिहार की हाजीपुर सीट पर रिकॉर्ड मतों से जीते और भूतपूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार में पहली बार केंद्रीय मंत्री बने उन्हें केंद्रीय कैबिनेट में श्रम एवं कल्याण मंत्री बनाया गया,
  • 1989 से लेकर सन 2019 तक पासवान ने छह प्रधानमंत्रियों के साथ केंद्रीय मंत्री के रूप में शपथ ली, 1989 में केंद्रीय श्रम मंत्री 1996 में रेल मंत्री 1999 में संचार मंत्री सन 2002 में कोयला 2014 में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री 2019 में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री
  • Loksabha Chunav 2024- 1987 में हरिद्वार यूपी चुनाव में दूसरे नंबर पर आई मायावती ने बिजनौर सीट से 1989 में सांसद के रूप में जीत दर्ज की और इसके बाद सन 1995 में वह देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की पहली दलित महिला मुख्यमंत्री के रूप में स्थापित हुयीं
  • अल्मोड़ा लोक सभा सीट से एक ही प्रत्याशी बची सिंह रावत से चार बार लोकसभा चुनाव हारने के बाद हरीश रावत ने 2009 में हरिद्वार का रुख किया और उन्होंने यहां पर भाजपा के यतींद्रानंद गिरी को हराकर मनमोहन सरकार में 2012 में जल संसाधन मंत्री बने..
  • उत्तराखंड में दो बार मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद विधानसभा चुनाव 2012 में हरिद्वार की डोईवाला सीट से विधायकी जीतते हैं और फिर इसके बाद सन 2014 और 2019 में हरिद्वार से सांसद बनने के बाद मोदी सरकार में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रहे…
  • त्रिवेंद्र सिंह रावत को अपने मुख्यमंत्री काल में साथी विधायकों के असंतोष के चलते 2021 में कुर्सी गंवानी पड़ी ,2022 के विधानसभा चुनावों से भी वह दूर रहे लेकिन इस बार 2024 के लोकसभा चुनाव में हरिद्वार से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं..
  •  “कुछ बात तो है गंगा के पानी में हरिद्वार के इलेक्शन में जो उतर जाते हैं.. हारे या जीतें .. देश की राजनीति का खास चेहरा बन जाते हैं

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