Lakhpati Didi Yojna Uttarakhand- उत्तराखंड के गांवों में महिला स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं आज आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण की नई कहानी लिख रही हैं। ग्राम्य विकास विभाग के तहत गठित 68 हजार महिला स्वयं सहायता समूहों में 5 लाख से अधिक महिलाएं जुड़ी हैं। इनमें से 1.68 लाख महिलाएं अब सालाना एक लाख रुपये से अधिक कमा रही हैं, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है।
इस सफलता की नींव ‘लखपति दीदी योजना’ ने रखी, जिसकी शुरुआत नवंबर 2022 में हुई थी। योजना के तहत महिलाओं को अपने स्थानीय संसाधनों से उत्पाद तैयार करने, उनका मूल्य संवर्धन करने और बाजार तक पहुंचाने के अवसर दिए गए।
कृषि, बागवानी, हस्तशिल्प, मसाले और स्थानीय उत्पादों से जुड़ी महिलाएं अब अपनी मेहनत का फल “हाउस ऑफ हिमालयाज” जैसे ब्रांड के जरिए देश-विदेश में बेच रही हैं। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिली है और महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ा है।

Lakhpati Didi Yojna Uttarakhand- जिलावार लखपति दीदी की संख्या
- ऊधम सिंह नगर – 28,641
- हरिद्वार – 23,540
- अल्मोड़ा – 14,005
- पौड़ी – 13,603
- देहरादून – 12,898
- नैनीताल – 12,743
- टिहरी – 12,618
- उत्तरकाशी – 11,951
- चमोली – 11,231
- पिथौरागढ़ – 9,192
- चंपावत – 6,517
- रुद्रप्रयाग – 6,086
- बागेश्वर – 5,902
Lakhpati Didi Yojna Uttarakhand- महिला समूहों को बाजार से जोड़ने में ‘मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना’ ने भी अहम योगदान दिया है। अगस्त 2023 में शुरू इस योजना के तहत अब तक 3593 स्टॉल लगाए जा चुके हैं, जिनसे 8.27 करोड़ रुपये के उत्पादों की बिक्री हुई है।
इन योजनाओं ने साबित कर दिया है कि उत्तराखंड की ग्रामीण महिलाएं न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन रही हैं। “लखपति दीदी योजना” अब उत्तराखंड की पहचान बन चुकी है जहां हर गांव से एक नई “दीदी” सफलता की कहानी लिख रही है।