Kedarnath Yatra- केदारनाथ यात्रा में घोड़ा-खच्चरों के संचालन को लेकर बड़ी अपडेट सामने आई है, इक्वाइन इंफ्लूएंजा वायरस की पुष्टि के बाद रोक लगाए जाने के दो दिन बाद अब सरकार ने ट्रायल के रूप में स्वस्थ घोषित घोड़े-खच्चरों का संचालन शुरू करने का निर्णय लिया है, इस पहल का पहला उद्देश्य धाम तक राशन सामग्री पहुंचाना है।
गौरीकुंड में परीक्षण के बाद स्वस्थ पाए गए पशुओं से शुक्रवार से ट्रायल तौर पर ढुलाई का कार्य शुरू होगा, यदि यह ट्रायल संतोषजनक पाया गया, तो जल्द ही सीतापुर, रामपुर और त्रियुगीनारायण जैसे अन्य स्थलों से भी पशुओं को यात्रा में शामिल किया जाएगा।
Kedarnath Yatra- इससे पहले राज्य के पशुपालन एवं दुग्ध विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा गुरुवार को सोनप्रयाग पहुंचे, उन्होंने यात्रा मार्ग की व्यवस्थाओं और पशु प्रबंधन की जमीनी हकीकत का जायज़ा लिया, बैठक में उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि राज्य की सीमाओं से कोई भी घोड़ा-खच्चर बिना स्वास्थ्य प्रमाणपत्र के यात्रा में शामिल न हो।
मंत्री बहुगुणा ने यह भी निर्देशित किया कि गौरीकुंड से केदारनाथ के बीच यात्रा मार्ग पर चार अस्थायी पशु चिकित्सालय स्थापित किए जाएं और प्रत्येक पर 15 सदस्यीय चिकित्सकीय दल की तैनाती सुनिश्चित की जाए, ये टीमें न केवल पशुओं की नियमित जांच करेंगी, बल्कि आपात स्थिति में त्वरित उपचार भी प्रदान करेंगी।
Kedarnath Yatra- निशुल्क इलाज और सब्सिडी की सुविधा
Kedarnath Yatra- क्वारंटीन सेंटर में रखे गए बीमार घोड़े-खच्चरों का नि:शुल्क इलाज किया जाएगा वहीं, जो पशुपालक अपने पशु घर ले जाना चाहते हैं, उन्हें इलाज और चारे पर 50 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी। इस फैसले से स्थानीय पशुपालकों को राहत मिलने की उम्मीद है।
इस दौरान पंतनगर विश्वविद्यालय के वेटरनरी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. जेएल सिंह ने सलाह दी कि यात्रा पर भेजे जाने से पहले हर घोड़े-खच्चर को कम से कम 15 दिन के क्वारंटीन, उचित पोषण, समय पर दवाएं और चिकित्सकीय देखरेख मिलनी चाहिए।
बैठक में जिलाधिकारी डॉ. सौरभ गहरवार, सीडीओ डॉ. जीएस खाती, एडीएम श्याम सिंह राणा, व्यापार संघ अध्यक्ष अंकित गैरोला समेत अन्य विभागीय अधिकारी और स्थानीय प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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