Host Village Initiative- उत्तराखंड में पलायन से खाली हो चुके गांवों को अब “होस्ट विलेज” के रूप में विकसित करने की दिशा में पहल शुरू हो रही है। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि.) ने कहा कि जिस तरह होम स्टे योजना ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नया जीवन दिया है, उसी तरह अब “होस्ट विलेज” की अवधारणा उत्तराखंड में रिवर्स पलायन को गति दे सकती है। उन्होंने कहा कि जिन गांवों को “घोस्ट विलेज” कहा जाता है, अब समय आ गया है कि उन्हें “होस्ट विलेज” बनाकर खुशहाली लौटाई जाए।
राज्यपाल सोमवार को नई टिहरी के रानीचौरी स्थित वीरचंद्र सिंह गढ़वाली औद्यानिक एवं वानिकी विश्वविद्यालय में आयोजित भारतीय कृषि विश्वविद्यालय संघ (IAUA) के सम्मेलन का उद्घाटन कर रहे थे। सम्मेलन का विषय था — “भारत में कृषि-पारिस्थितिकी-पर्यटनः अवसर, चुनौतियां और आगे की राह।”
Host Village Initiative- इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उन्होंने अनुरोध किया है कि पलायनग्रस्त गांवों को “होस्ट विलेज” के रूप में विकसित किया जाए, जहां सड़क, बिजली, पानी और कनेक्टिविटी की बेहतर व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयास राज्य में ग्रामीण पर्यटन, कृषि और आत्मनिर्भरता को नया आयाम देंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से जुड़ते हुए कहा कि पर्यटन उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। कृषि और पर्यटन का संगम राज्य को नई आर्थिक गति देने के साथ युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार प्रदान करेगा और पलायन रोकने में मददगार होगा।
कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने छह निर्माण कार्यों का शिलान्यास किया और प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया। सम्मान पाने वालों में पौड़ी की नमृता कंडवाल, उत्तरकाशी के माधवेंद्र रावत, बागेश्वर के चंद्रशेखर पांडे और टिहरी के रामकृष्ण डबराल शामिल हैं। साथ ही विश्वविद्यालय के तीन नए प्रकाशनों का भी विमोचन किया गया।
Host Village Initiative- कुलपति प्रो. परविंदर कौशल ने कहा कि इस 14वें विचार मंथन की मेजबानी विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है। इस अवसर पर विधायक किशोर उपाध्याय, विक्रम नेगी, पद्मश्री प्रेमचंद्र शर्मा, और IAUA अध्यक्ष प्रो. विजेंद्र सिंह समेत कई गणमान्य उपस्थित रहे।