Ganga Aarti Rishikesh- गंगा आरती को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल किया गया

Ganga Aarti Rishikesh- परमार्थ निकेतन घाट पर वर्ष 1997 से शुरू हुई आरती 28 वर्षों से प्रतिदिन होती है। वर्ल्ड बुक आफ रिकार्ड्स के अधिकारियों ने इस संबंध में स्वामी चिदानंद सरस्वती को प्रमाण पत्र तथा पुरस्कार प्रदान किया। ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन घाट पर होने वाली विश्व विख्यात गंगा आरती को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स में सूचीबद्ध किया गया है।

आरती को 30 मिनट की नॉनस्टॉप दैनिक मनमोहक आरती के रूप में सूचीबद्ध कर पुरस्कृत किया गया है। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि इस स्थान पर वर्ष 1997 में गंगा आरती का आयोजन किया गया था, जो प्रतिदिन होती है। उन्होंने कहा कि नदियों का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है, वे हमारी जीवनधारा का आधार हैं और हमें शांति और सद्गति का अनुभव कराते हैं।

Ganga Aarti Rishikesh
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Ganga Aarti Rishikesh- 1997 में  गंगा आरती का आयोजन किया था

Ganga Aarti Rishikesh- वर्ष 1997 से प्रतिदिन हो रही गंगा आरतीस्वामी चिदानंद सरस्वती ने 1997 में परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष के रूप में गंगा आरती का आयोजन किया था। इसके बाद से लगभग 28 वर्षों तक गंगा आरती प्रतिदिन निरंतर जारी है। स्वामी चिदानंद ने कहा कि नदियाँ धरती के रक्त स्रोत हैं और इनके जल में भारतीय संस्कृति का नाद गूंजता है।

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ये जीवन और जीविका आधार हैं, जो शांति और सद्गति दोनों को प्रदान करती हैं। इसलिए हमने गंगा आरती के माध्यम से जल के प्रति जागरूकता की शुरुआत की है। विदेश भर से लोग प्रतिदिन शाम को ऑनलाइन गंगा आरती से जुड़ते हैं और अपने हाथों में आरती की थाली लेकर अपने घरों से ही आरती करते हैं। पूरे विश्व में गंगा के प्रति अद्भुत समर्पण है, इसलिए गंगा को संरक्षित रखना और भी महत्वपूर्ण है।

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