Eco Tourism Barrier- चारधाम यात्रा के दौरान पर्यावरण संरक्षण और भीड़ प्रबंधन के तहत एक अहम कदम उठाते हुए बदरीनाथ धाम में देश का पहला हाई-हिमालयी फास्टैग इको टूरिज्म बैरियर शुरू किया गया है। यह बैरियर 10,279 फीट की ऊंचाई पर स्थापित किया गया है और डिजिटल भुगतान प्रणाली के माध्यम से श्रद्धालुओं से इको टूरिज्म शुल्क वसूल करेगा।
इस फास्टैग बैरियर का उद्घाटन जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने वर्चुअल माध्यम से किया। यह बैरियर देवदर्शनी नामक स्थान पर लगाया गया है, जो बदरीनाथ धाम के प्रवेश मार्ग पर स्थित है।
Eco Tourism Barrier- डिजिटल सिस्टम से होगा शुल्क भुगतान
बदरीनाथ नगर पंचायत द्वारा यात्रियों से पर्यावरणीय शुल्क वसूला जाता है, जिसमें:
छोटे चार पहिया वाहन – ₹60
टेंपो ट्रैवलर/मिनी बस – ₹100
बस – ₹120
हेलिकॉप्टर – ₹1000 (प्रति ट्रिप)
अब तक यह शुल्क मैनुअल रूप से वसूला जा रहा था, जिससे वाहनों की लंबी कतारें लग जाती थीं और यात्रियों को असुविधा होती थी। एनएचआईडीसीएल की गाइडलाइन के अनुसार अब इसे फास्टैग सिस्टम से जोड़ा गया है।
नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी सुनील पुरोहित ने बताया कि यह सुविधा पार्क प्लस कंपनी के सहयोग से लागू की गई है। करीब 15 दिन के सफल ट्रायल के बाद इसे गुरुवार को विधिवत रूप से शुरू किया गया।
Eco Tourism Barrier- उद्घाटन अवसर पर प्रमुख लोग रहे मौजूद
इस ऐतिहासिक पहल के शुभारंभ के मौके पर एसडीएम ज्योतिर्मठ चंद्रशेखर वशिष्ठ, पूर्व धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, होटल एसोसिएशन अध्यक्ष राजेश मेहता, बदरीश पंडा पंचायत अध्यक्ष प्रवीण ध्यानी, थानाध्यक्ष नवनीत भंडारी, और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
पर्यावरण संरक्षण की ओर बड़ा कदम
यह फास्टैग बैरियर न केवल भुगतान प्रणाली को डिजिटल बनाएगा, बल्कि बदरीनाथ जैसे संवेदनशील हिमालयी क्षेत्र में पर्यावरणीय संरक्षण की दिशा में भी एक उल्लेखनीय प्रयास है। यह पहल देशभर के अन्य पर्यटक स्थलों के लिए भी एक उदाहरण बन सकती है।
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