Cow Dung- तेल और गैस का भंडार कुवैत और अरब देश भारत से कई टन गोबर खरीद रहा है. कुछ समय पहले कुवैैत ने 192 भारत को 192 मीट्रिक टन गोबर का ऑर्डर दिया था जो अब पूरा भी हो चुका है. इसी तरह दोनों देश भारत से बड़ी मात्रा में गोबर मंगा रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर कुवैत और अरब देश भारत से आखिर इतना गोबर मंगाते क्यों हैं. यदि नहीं तो चलिए जान लेते हैं.
क्यों भारत से गोबर (Cow Dung) मंगा रहे कुवैत और अरब
दरअसल कृषि वैज्ञानिकों को एक रिसर्च के दौरान पता चला है कि गाय के गोबर (Cow Dung) को पाउडर के रूप में प्रयोग करने से खजूूर की फसल बढ़ रही है. इसके इस्तेमाल से फल के आकार और उत्पादन की मात्रा में अच्छी बढ़ोतरी देखी गई. इसके बाद से ही कुवैत और अरब में गाय के गोबर की मांग बढ़ गई है और इन दोनों देशों में भारत से गोबर का निर्यात होता है.
भारत में कितना होता है गोबर (Cow Dung) का उत्पादन
बता दें कि भारत में लगभग 30 करोड़ मवेशी हैं. जिनसे हर रोज लगभग 30 लाख टन गोबर (Cow Dung) का उत्पादन होता है. भारत में मुख्य रूप से गोबर का इस्तेमाल उपला बनाकर ईंधन के रूप में होता है. हालांकि चीन और ब्रिटेन जैसे कई देशों में गोबर के जरिए बिजली और गोबर गैस का उत्पादन किया जाता है. हालांकि खाद के रूप में भी गोबर का इस्तेमाल किया जाता है।
बता दें वैसे तो गोबर की कीमत बहुत कम है लेकिन पिछले कुछ समय में खाड़ी देशों में इसका रुझान बड़ा है. जिसे देखते हुए ये लगभग 30 से 50 रुपए किलो में बेचा जा रहा है. आने वाले समय में इसकी मांग और बढ़ती है तो इसकी कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा सकती है.
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