प्रख्यात पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा की पत्नी बिमला बहुगुणा का 93 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन की सूचना उनके बेटे राजीव नयन बहुगुणा ने सोशल मीडिया के माध्यम से दी। बिमला बहुगुणा का निधन पर्यावरण आंदोलन और सामाजिक कार्यों के क्षेत्र में एक अपूरणीय क्षति के रूप में देखा जा रहा है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि बिमला बहुगुणा का जीवन सामाजिक उत्थान और पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनके समर्पण का प्रतीक था। उन्होंने पर्यावरण के संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया और हमेशा समाज के उत्थान के लिए काम किया।
मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा, “स्व. बिमला बहुगुणा के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है। ईश्वर उनकी पुण्यात्मा को श्री चरणों में स्थान प्रदान करें और उनके शोकाकुल परिजनों को इस अपार दुःख को सहन करने की शक्ति दे।”
बिमला बहुगुणा के योगदान और उनके जीवन के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए कई नेताओं और समाजसेवियों ने भी शोक प्रकट किया। उनकी यादें और कार्य हमेशा जीवित रहेंगे।