Kathua Terrorist Attack- उत्तराखंड के पांच जांबाज़ शूरवीरों को नमन…

Kathua Terrorist Attack- जम्मू-कश्मीर के कठुआ में हुए आतंकी हमले में उत्तराखंड ने अपने पांच लाल खो दिए,आतंकवादियों से लोहा लेते हुए अपना बलिदान देने वाले कीर्ति नगर ब्लॉक के थाती डागर निवासी राइफलमैन आदर्श नेगी, रुद्रप्रयाग निवासी नायब सूबेदार आनंद सिंह, लैंसडौन निवासी हवलदार कमल सिंह, टिहरी गढ़वाल निवासी नायक विनोद सिंह, रिखणीखाल निवासी राइफलमैन अनुज नेगी का पार्थिव शरीर कल शाम जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचा जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी समेत कई नेताओं ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी।

Kathua Terrorist Attack-

Kathua Terrorist Attack- दो माह के अंतराल में परिवार के दो जांबाज बेटे हुए शहीद…

कठुआ में आतंकी हमले में शहीद हुए टिहरी जिले के थाती डागर गांव निवासी राइफलमैन आदर्श नेगी जिनकी उम्र 26 साल थी इसी वर्ष 30 अप्रैल को उनके चचेरे भाई मेजर प्रणय नेगी 33 साल की उम्र में लेह में देश सेवा करते हुए बलिदान हो गए थे। परिवार इस दुख से उबरने के लिए संघर्ष कर ही रहा था कि सोमवार को आतंकी हमले ने एक और बेटा छीन लिया।

शादी की पहली सालगिरह भी नहीं मना पाए अनुज

Kathua Terrorist Attack- आतंकी हमले में पौड़ी जिले के रिखणीखाल तहसील के दो बेटों हवलदार कमल सिंह और राइफलमैन अनुज नेगी ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। दोनों जवान अपने घरों के इकलौते चिराग थे। राइफल मैन 25 वर्षीय अनुज नेगी का परिवार गांव में रहता है। आठ माह पूर्व बीते नवंबर को उनका विवाह हुआ था किंतु शादी के एक साल भी पूरे नहीं हुए थे और अनुज शहीद हो गए। और अब वे अपने पीछे एक अविवाहित छोटी बहन, पत्नी और माता-पिता को छोड़ गए हैं।

Kathua Terrorist Attack- बेटियों से दीपावली पर घर आने का किया था वादा

हवलदार कमल सिंह की उम्र 35 साल थी। कमल की पत्नी रजनी अपनी दो बेटियों 10 साल की अंशिका और चार साल की अनिका के साथ कोटद्वार में रह रही हैं। ड्यूटी पर जाने से पहले जून में ही कमल अपनी पत्नी और बेटियों से वादा करके गए थे कि वह दीपावली पर घर आएगें। आतंकी हमले से पहले सोमवार दोपहर अंतिम बार कमल सिंह की अपनी पत्नी से वीडियो कॉल पर बात हुई थी। तब वह गश्त पर निकलने की बात कह रहे थे।

तिरंगे में लिपटकर लौटा भाई…बहनों ने दिया कंधा

आतंकवादियों से लोहा लेते हुए अपना बलिदान देने वाले अठुरवाला भनियावाला निवासी 33 साल के विनोद सिंह को अंतिम विदाई देने सैलाब उमड़ पड़ा। शहीद विनोद तीन बहनों के अकेले भाई थे। उनका एक चार साल का बेटा और एक तीन माह की बेटी है। बेटी के जन्म पर वो घर पर ही थे। करीब दो माह पहले ही वो वापस गए थे। विनोद सिंह मूल रूप से जाखणीधार, टिहरी के थे।

Kathua Terrorist Attack- दो बेटों के सिर से उठा पिता का साया

Kathua Terrorist Attack- रुद्रप्रयाग के कांडा भरदार गांव के निवासी 41 साल के नायब सूबेदार आनंद सिंह रावत की बूढ़ी मां का बेटे के बलिदान होने की खबर से रो-रोकर बुरा हाल है। शहीद आनंद सिंह रावत को देश की सेवा करते हुए लगभग 24 साल हो गए थे। 6 महीने पहले ही वह छुट्टी पर आए थे। उनकी पत्नी विजया रावत और दो बेटे 15 वर्षीय मनीष और 11 वर्षीय अंशुल वर्तमान में देहरादून में रहे हैं। उनके बलिदान होने की खबर सुनने के बाद उनकी पत्नी और बेटो का रो-रोकर बुरा हाल है।

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