Karnprayag Rail Project- राष्ट्रीय एवं सामरिक महत्व की बहुप्रतीक्षित ऋषिकेश–कर्णप्रयाग रेल परियोजना में सुरंगों की खोदाई व अन्य निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, इस दौरान निरंतर कीर्तिमान भी स्थापित हो रहे हैं।
- विशेषकर परियोजना की सबसे लंबी सुरंगों में काम कर रही दो टीबीएम (टनल बोरिंग मशीन) ‘शिव’ और ‘शक्ति’ हर माह नई इबारत लिख रही हैं।
- इन मशीनों से जून में रिकार्ड 796 मीटर सुरंग का निर्माण किया गया, इसमें 552 मीटर खोदाई ‘शक्ति’ और 244 मीटर खोदाई ‘शिव’ से की गई, इससे पहले मई तक इन मशीनों से हर माह औसतन 500 मीटर खोदाई की जा रही थी।
- ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में देवप्रयाग (सौड़) से जनासू के बीच 14.5 किमी लंबी डबल ट्यूब (आने-जाने के लिए अलग-अलग सुरंग) सुरंग बनाई जा रही है, इन सुरंगों की खोदाई के लिए अत्याधुनिक टीबीएम का इस्तेमाल किया जा रहा है।
- इस कार्य को देश की प्रतिष्ठित कंपनी एलएंडटी अंजाम दे रही है। दोनों सुरंगों को मिलाकर कुल 29 किमी लंबाई में से 21 किमी की खोदाई टीबीएम और शेष आठ किमी की खोदाई न्यू आस्ट्रियन टनलिंग मेथड (एनएटीएम) से की जा रही है।
- एलएंडटी की ओर से खोदाई के लिए दो टीबीएम का उपयोग किया जा रहा है, जिन्हें ‘शिव’ और ‘शक्ति’ नाम दिया गया है, इनका व्यास 9.11 मीटर और लंबाई 140 मीटर है, जो 7.8 मीटर की फिनिश्ड लाइनिंग वाली सुरंगें बनाने के लिए डिजाइन किए गए हैं।
Karnprayag Rail Project- शक्ति’ ने 16 दिसंबर 2022 को और ‘शिव’ ने एक मार्च 2023 को खोदाई का कार्य शुरू किया था। ‘शक्ति’ ने अब तक 6.364 किमी से अधिक खोदाई कर मील का पत्थर स्थापित किया है, जबकि ‘शिव’ से 5.268 किमी से अधिक खोदाई की जा चुकी है, एलएंडटी के परियोजना निदेशक राकेश अरोड़ा ने बताया कि यह प्रगति इंजीनियरिंग और परियोजना प्रबंधन उत्कृष्टता में नया मानक स्थापित करती है। यह उपलब्धि आरवीएनएल और उत्तराखंड सरकार के सहयोग से संभव हो पा रही है।
यह भी पढ़ें…
Green Entry Cess- बाहर से आने वाली डीजल गाड़ी को देना होगा ग्रीन एंट्री सेस…